
क्षेत्र के कदवा बाजार निवासी राजेश कौशल गांव-गांव फेरी लगाकर सोने-चांदी के आभूषण खरीदता बेचता है। ग्राहकों के पुराने सोने व चांदी को खरीदकर उसे गलाकर, जो बड़े व्यापारी नए सोने की खरीद करते थे। उन्हें पुराना सोना गला कर दे देता था। क्योंकि जो सोना, चांदी ग्राहकों को बेचते थे, वह क्रेडिट पर उठाते थे।
बुधवार को राजेश कौशल संतोरी ने डायल-112 पुलिस को फोन कर कहा कि पकड़ी बाजार की तरफ गांव में सोने-चांदी का व्यापार करने के लिए गया था। जैसे ही संतोरी गांव के पक्षिम बानगंगा कैनान नहर पर लगे एक फाटक के पास पहुंचा, कुछ लोगों ने मेरा बैग छीन लिया। मुझे डराया धमकाया भी। बैग में तीन लाख रुपये की कीमत का सोना व चांदी व आठ सौ रुपये रखे थे।
सूचना पर डायल-112 की पुलिस मौके पर पहुंच गई। उसके बाद चिल्हिया थाने की पुलिस व सीओ भी मौके पर पहुंच गए, और घटना की जांच में लग गए। करीब चार घंटे पुलिस इधर से उधर छिनैती करने वालों को ढूंढती रही, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। उसके बाद पुलिस व्यापारी राजेश कौशल से पूछताछ करने लगी। पूछताछ में राजेश कौशल अलग-अलग तरीके से पुलिस को जानकारी देने लगा। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पुलिस को इकरारनामा लिखकर जानकारी दी कि बड़े व्यापारियों का सोना व रुपया बकाया था। जो सोना गलाकर रखे थे। 10 दिन पहले कहीं गिर गया।
व्यापारी सोना-चांदी व रुपये की मांग कर रहे थे। इसीलिए लूट की कहानी रचनी पड़ी। इस संबंध में चिल्हिया एसओ ने बताया कि राजेश कौशल ने छिनैती की घटना रची थी। व्यापारियों का बकाया होने की वजह से उसने यह कदम उठाया, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इसकी तहरीर थाने पर दी है।
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